kabir ke guru kaun the :- नमस्कार दोस्तों आज हम लोग इस लेख मे जानेंगे कि कबीर के गुरु कौन थे तो यदि आपको जानकारी नहीं है कि कबीर दास जी के गुरु का नाम क्या था तो कृपया इस लेख के साथ बने रहे तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं कि संत कबीर दास जी के गुरु का नाम क्या था।
कबीर के गुरु कौन थे? (kabir ke guru kaun the)
संत कबीर दास जी के गुरु का नाम स्वामी रामानंद था। स्वामी रामानंद जी को काफी लोग रामानंदाचार्य के रूप में भी जानते थे। बताया जाता है कि स्वामी रामानंद जी का जन्म 1236 ईस्वी के आसपास हुआ था। स्वामी रामानंद जी के माताजी और पिताजी का नाम सुशीला देवी और पुण्य सदन था।
जिस समय संत कबीर दास जी शिक्षा के योग्य हुए उस समय काशी (बनारस) में पंडित रामानंद जी काशी के प्रसिद्ध पंडित और विद्वान व्यक्ति थे। संत कबीर जी ने रामानंद से कई बार मिलने की कोशिश किया करते थे और उनको अपने शिष्य बनाने के लिए आग्रह करते थे। लेकिन उस वक्त जातिवाद काफी बड़ी समस्या थी जिसकी वजह से उनको हमेशा आश्रम में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था।
वह चाहते थे कि वह रामानंद जी से शिक्षा प्राप्त करें इसीलिए उन्होंने एक दिन पंडित रामानंद जी से मिलने की योजना बनाई। रामानंद जी रोज सुबह उठकर गंगा स्नान के लिए घाट पर जाया करते थे कबीर दास जी उसी को देखते हुए उस दिन रास्ते में ही लेट गए जैसे ही रामानंद जी रास्ते में स्नान के लिए जा रहे थे उनका पैर कबीर के सर पर पड़ा।
उसके बाद रामानंद बालक कबीर के श्रद्धा को देखकर काफी प्रसन्न हुए और उन्हें शिक्षा देने की और अपने शिष्य बनाने की सोचे। और जब रामानंद जी कबीर दास को आपने शिष्य बना लिए। तब कबीरदास उनके आश्रम में जाकर शिक्षा प्राप्त करने लगे और वह संस्कृत, हिंदी, उर्दू और फारसी भाषा की शिक्षा प्राप्त की। रामानंद जी के कहने पर उन्होंने लेखनी कार्य किया और उन्होंने कई सारी कविताएं और दोहे लिखी और फिर आगे चलकर एक प्रसिद्ध कवियों में गिने जाने लगे।
कबीर दास जी आज भारत के हीं नहीं बल्कि दुनिया के महानतम कवियों में गिने जाते हैं। कबीर दास जी अपने दोहे के माध्यम से काफी सकारात्मक संदेश दिया है और उन्होंने जातिवाद और समाज सुधार पर भी काफी कार्य किए|
कबीर दास रामानंद को क्यों अपना गुरु माने?
कवि कबीर जी अपने गुरु रामानंद जी को ही इसलिए मानते थे क्योंकि इस समय रामानंद जी काशी के सबसे प्रसिद्ध पंडित और विद्वान व्यक्ति थे। जब एक बार वह स्नान करने के लिए नदी के पास जा रहे थे तब किसी कारणवश उनका पैर फिसला और वे गिर पड़े तभी आते रामानंद जी का पैर उनके सर पर पड़ा उसी वक्त से कबीर दास रामानंद को अपने गुरु मानने लगे थे।
कबीर दास कौन थे?
कबीर दास जी 15 वी सदी महानता कवियों में से एक है यह अपनी रचनाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कबीर के शिष्य कौन थे?
कबीर दास जी के कुल 12 शिष्य थे जिनमें अनंतनांद, शसरुरानंद, नारारीदास, सुखानंद, भवानंद, कबीर, धन्ना, सेन, रविदास और दो महिला शिष्य पद्यवती और सुश्रुरी थी।
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FAQ,s – kabir ke guru kaun the
Q. कबीर के गुरु कौन थे? (kabir ke guru kaun the)
Ans:- संत कबीर दास जी के स्वामी रामानंद जी अपने गुरु मानते थे।
Q. कबीर दास के गुरू का नाम क्या था?
Ans:- संत कबीर दास जी के गुरू रामानंद थे।
Q. कबीर दास का जन्म कब हुआ था?
Ans:- कबीर दास जी का जन्म सन 1440 ई० में हुआ था। उनका जन्म 15 वी शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी) मे हुआ था।
Q. कबीर दास जी का जन्म कहां पर हुआ था?
Ans:- संत कबीर दास जी का जन्म काशी के एक प्राचीन तालाब लहरतारा के पास हुआ था।
Q. कबीर दास जी का मूल नाम क्या था?
Ans:- कवि कबीर दास जी का मूल और वास्तविक नाम जुलाहा कबीर था।
Q. कबीर दास जी के माता-पिता का क्या नाम था?
Ans:- कबीर दास जी के माता-पिता सुशीला देवी और पुण्य सदन थे। लेकिन उनका पालन पोषण निरु तथा नीमा ने किया था इसलिए कबीरदास उनको भी माता पिता मानते थे।
Q. कबीर दास जी के पत्नी का क्या नाम था?
Ans:- लोई संत कबीर दास जी के पत्नी थी।
Q. कबीर दास जी के कितने बच्चे थे?
Ans:- कमाल और कमाली ये एक लड़का एक लड़की कवीर दास जी के बच्चे थे।
कबीर दास की रचनाएं कौन-कौन सी है?
Ans:- कबीरदास के कुछ प्रमुख रचनाएं मे कबीर बीजक, सुखनिधन, होली अगम, शब्द, वसंत, साखी और रक्त सामिल है।
Q. कबीरदास की भाषा शैली क्या है?
Ans:- ब्रजभाषा, अवधी भाषा और खड़ी बोली, कबीर दास जी की प्रमुख भाषा शैली में से एक है
Q. कबीर के प्रमुख ग्रंथों के नाम क्या थे?
Ans:- यदि हम कबीरदास के कुछ प्रमुख ग्रंथों की बात करें तो उनका बीजक, सखी ग्रंथ, कबीर ग्रंथावली और अनुराग सागर ग्रंथ काफी प्रसिद्ध है।
Q. कबीरदास कौन से सदी के कवि थे?
Ans:- संत कबीर दास जी 15वी सदी के महान कवि थे
Q. कबीर दास की हुई थी?
Ans:- कबीर दास जी की 1518 ई० उत्तर प्रदेश के मगहर मे हुए थी।
Q. कबीर दास जी की रचनाएं
Ans:- यदि हम कबीरदास के कुछ प्रमुख रचनाओं की बात करें तो उन के बहुत सारे प्रमुख रचनाएं हैं जिनमें कुछ प्रमुख रचनाएं हैं जैसे कि:-
- बीजक
- सखी ग्रंथ
- कबीर ग्रंथावली
- अनुराग सागर
- सबद
- रमैनी
- पतिव्रता का अंग
- कामी का अंग
- मन का अंग
- माया का अंग
[ अंतिम विचार ]
इस आर्टिकल में हमने सीखा की कबीर के गुरु कौन थे और कबीर दास जी किसको अपना गुरु मानते थे। हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद अब आपका सवाल का उत्तर मिल चुका होगा और आप जान चुके होंगे कि kabir ke guru kaun the.
तो इतना सब जानने के बाद चलिए अब हम इस लेख से विदा लेते हैं लेकिन उससे पहले कृपया आप हमें इस पोस्ट के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि आपको हमारा यह लेख कैसा लगा ताकि हम समझ सके कि हमारे आर्टिकल आपकी कितनी मदद कर पाई और आप हमारे आर्टिकल से क्या-क्या सीखे.
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